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CTET 2021 : Hindi Pedagogy Important Questions In Hindi For Ctet

 Ctet Hindi Pedagogy Important Questions In Hindi 

Hindi Pedagogy MCQ with answers in Hindi: यहां पर Ctet  के  लिए Hindi Pedagogy के Important Questions Answer दिए गए है जो कि Ctet के साथ साथ  सभी टीचिंग Exam जैसे Uptet, Rtet ,Htetआदि के लिए बहुत लाभकारी हैं।सभी अभ्यर्थी जो जो  आने वाले Ctet 2021 की तैयारी कर रहे है वे यहां  पर दिए गए Hindi PedagogyMCQ with answers PDF in Hindi को अवश्य करें।ये सभी प्रश्न Ctet  के पिछले वर्षो के पेपर से लिए गए है जो की आप की  तैयारी को और अधिक बढ़ाएगा और आप  आने वाले Ctet को आसानी से पास कर पाएंगे। 


CTET 2021: EVS Important Questions In Hindi For Ctet
CTET 2021: Hindi Pedagogy Important Questions In Hindi For Ctet



Ctet Important Questions on Hindi Pedagogy

यहां पर Ctet के सिलेबस के आधार पर Hindi Pedagogy के कुछ महत्वपूर्ण प्रश्न उत्तर दिए जो की आने वाले Ctet 2021 में भी आ सकते है|


1. हिन्दी भाषा शिक्षण की विधि है


(A) अनुकरण विधि


(B) आगमन-निगमन विधि


(C) भाषा प्रयोगशाला


(D) उपर्युक्त सभी


Ans-(D)


हिन्दी भाषा शिक्षण की विधियाँ


1. व्याकरण अनुवाद विधि

2. प्रत्यक्ष विधि 

3. द्विभाषी विधि

4. सैनिक विधि

5. व्यतिरेकी विधि

6. आगमन विधि

7. निगमन विधि

8. आगमन-निगमन विधि

9. सूत्र विधि

10. अनुकरण विधि

11. भाषा संसर्ग विधि

12. ध्वन्यात्मक विधि

13. व्याख्यान विधि

14. श्रुतलेखन अभ्यास विधि

15. रसास्वादन विधि

16. साहचर्य विधि

17. समवाय विधि

19. दूरस्थ शिक्षण विधि

18. प्रदर्शन विधि

20. भाषा प्रयोगशाला विधि

21. भाषा शिक्षण यंत्र उपकरण विधि


2. भाषा शिक्षण के सिद्धान्त हैं- 


(A) प्रेरणा का सिद्धान्त


(B) क्रिया द्वारा सीखने का सिद्धान्त


(C) जीवन से जोड़ने का सिद्धान्त


(D) उपर्युक्त सभी


Ans-(D)


शिक्षण के सामान्य सिद्धान्त

1. क्रियाशीलता का सिद्धान्त
2. प्रेरणा का सिद्धान्त
3. रुचि का सिद्धान्त
4. पुनर्बलन का सिद्धान्त
5. प्रयत्न का सिद्धान्त
6. अभ्यास का नियम
7. अनुकरण का निमय
8. स्वाभाविकता का सिद्धान्त
9. लोकतांत्रिक व्यवहार का सिद्धान्त
10. बाल केन्द्रितता का सिद्धान्त
11. स्वतंत्रता का सिद्धान्त
12. सहानुभूतिपूर्ण व्यवहार का सिद्धान्त
13. लिखने से पहले मौखिक कार्य का सिद्धान्त
14. नियोजन का सिद्धान्त
15. चयन का सिद्धान्त (शिक्षण उद्देश्यों का)
16. व्यक्तिगत विभिन्नता का सिद्धान्त
17. विभाजन का सिद्धान्त
18. बहुमुखी प्रयास का सिद्धान्त
19. जीवन से सम्बन्ध स्थापित करने का सिद्धान्त
20. बोलने व लिखने में सामंजस्य का सिद्धान्त
21. शिक्षण सूत्रों के प्रयोग का सिद्धान्त

 

3. आगमन विधि के रूपों की संख्या है-


(A) पाँच


(B) दो


(C) सात


(D) तीन


Ans-(B)


आगमन विधि इस विधि में सबसे पहले उदाहरण प्रस्तुत किये। जाते हैं फिर उदाहरणों की सहायता से नियमों की पुष्टि की जाती है। व्याकरण जैसे विषय को आगमन प्रणाली के माध्यम से अत्यन्त रोचक तथा सरल बनाया जा सकता है, इसमें पहले कुछ उदाहरण | छात्रों के समक्ष प्रस्तुत किए जाते हैं। छात्र उदाहरणों के आधार पर नियम खोजते हैं फिर उस नियम का परीक्षण करते हैं।


 


4. वाक्य विश्लेषण के शिक्षण हेतु उपयुक्त विधि है


(A) आगमन विधि


(B) निगमन विधि


(C) गीत-अभिनय विधि


(D) उक्त सभी


Ans-(A)


5. आगमन विधि के रूपों की संख्या है- 


(A) पाँच


(B) दो


(C) सात


(D) तीन


Ans-(B)


6. वाक्य विश्लेषण के शिक्षण हेतु उपयुक्त विधि है


(A) आगमन विधि


(B) निगमन विधि


(C) गीत-अभिनय विधि


(D) उक्त सभी


Ans-(A)


7. अनुकरण विधि रचना के लिए उपयुक्त है


(A) शिशु स्तर पर


(B) उच्च स्तर पर


(C) प्रारम्भिक स्तर पर


(D) इनमें से कोई नहीं


Ans-(C)


8. लेखन और उच्चारण के लिए अनुकरण विधि उपयोगी है -


(A) प्रारम्भिक स्तर पर


(B) माध्यमिक स्तर पर


(C) उच्च स्तर पर


(D) सभी स्तरों पर


Ans-(A)


अनुकरण प्रणाली इस प्रणाली के छात्रों के सामने एक आदर्श रचना को प्रस्तुत किया जाता है। छात्र उसका अनुकरण करते हुए उसे लिखने का यथेष्ट प्रयत्न करते हैं, इसमें आमतौर पर छात्रों को अपनी स्मरण शक्ति पर निर्भर रहना पड़ता है। प्रारम्भिक कक्षाओं में भाषा शिक्षण में इस प्रणाली का यथेष्ट प्रयोग कर सकते हैं। 

प्रथमिक स्तर पर लेखन हेतु व उच्चारण हेतु अनुकरण अत्यन्त उपयोगी है। पूर्व प्राधिमक प्राथमि लेखन हेतु अनुकरण- रूप रेखा अनुकरण, स्वतंत्र अनुकरण, प्राथमिक पेस्टोलॉजी अनुकरण, मॉण्टेसरी अनुकरण, जेकोटॉट अनुकरण (लेखन विविधियाँ अत्यन्त उपयोगी है।

उच्चारण हेतु अनुकरण- इसको मौखिक अनुकरण भी कहते हैं। इसमें अध्यापक शुद्धता के साथ उच्चारण करता है तथा छात्र उसका अनुकरण करते हुए अभ्यास करते हैं।


9. संश्लेषण विधि में सीखाने की प्रक्रिया है- 


(A) वर्ण, शब्द, वाक्य


(B) वाक्य, शब्द वर्ण 


(C) शब्द, वर्ण वाक्य


(D) शब्द, वाक्य वर्ण


Ans-(A)


10.विश्लेषणात्मक विधि में प्रयोग होता है- 


(A) शब्द से वर्ण


(B) वर्ण से शब्द


(C) शब्द से वाक्य


(D) वाक्य से पैराग्राफ


Ans-(A)


संश्लेषण विधि

इस विधि में पहले स्वर, व्यंजन तथा मात्राओं का बोध करवाया। जाता है।

वर्णों, शब्दों व वाक्यों का बोध करवाया जाता है। भाषा सीखने का तार्किक क्रम वर्ण-शब्द-वाक्य

विश्लेषणात्मक विधि:

इस विधि में छात्रों को पहले वर्गों तथा ध्वनियों का ज्ञान नहीं करवाया जाता है।

सर्वप्रथम शब्दों और वाक्यों का ज्ञान करवाया जाता है।  वाक्यों के माध्यम से शब्दों तथा वर्गों का ज्ञान करवाया जाता भाषा सीखने का मनोवैज्ञानिक क्रम

वाक्य-शब्द-वर्ण


11. प्रस्तावना का मुख्य उद्देश्य है-


(A) उद्देश्य कथन करना


(B) प्रस्तुतीकरण करना


(C) नवीन ज्ञान ग्रहण हेतु तत्पर करना


(D) सामान्यीकरण करना


Ans-(C)


प्रस्तावना का मुख्य उद्देश्य - छात्रों के पूर्वज्ञान से नवीन ज्ञान जोड़ने के लिए तथा छात्रों को नवीन विषयवस्तु के लिए मानसिक रूप से तैयार करने के लिए प्रस्तावना तैयार की जाती है।


12. योजना शिक्षण विधि के प्रवर्तक है- 


(A) जॉन डीवी


(B) डब्ल्यू.एच. किलपैट्रिक


(C) डाल्टन


(D) अरस्तू


Ans-(B)


13. प्रोजेक्ट विधि में शिक्षा प्रदान की जाती है


(A) सैद्धान्तिक शिक्षा


(B) जीवनोपयोगी शिक्षा


(C) बेसिक शिक्षा


(D) नैतिक शिक्षा


Ans-(B)

No.
CTET Hindi Pedagogy Important Questions 
1.
CTET Hindi Pedagogy Practice Question Set- 01
2.
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3.
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CTET Hindi Pedagogy Practice Question Set -07