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मध्यकालीन भारत का इतिहास One Liner For UPSC , SSC , UPSSSC Exam

 मध्यकालीन भारत का इतिहास


❖ गुलाम वंश


➨ 1=1193 मुहम्मद घोरी

➨ 2=1206 कुतुबुद्दीन ऐबक 

➨ 3=1210 आराम शाह

➨ 4=1211 इल्तुतमिश

➨ 5=1236 रुकनुद्दीन फिरोज शाह

➨ 6=1236 रज़िया सुल्तान

➨ 7=1240 मुईज़ुद्दीन बहराम शाह

➨ 8=1242 अल्लाउदीन मसूद शाह

➨ 9=1246 नासिरुद्दीन महमूद  

➨ 10=1266 गियासुदीन बल्बन

➨ 11=1286 कै खुशरो

➨ 12=1287 मुइज़ुदिन कैकुबाद

➨ 13=1290 शमुद्दीन कैमुर्स

👉 1290 गुलाम वंश समाप्त्

(शासन काल-97 वर्ष लगभग )


❖ खिलजी वंश


➭ 1=1290 जलालुदद्दीन फ़िरोज़ खिलजी 

➭ 2=1296 अल्लाउदीन खिलजी 

➭ 4=1316 सहाबुद्दीन उमर शाह

➭ 5=1316 कुतुबुद्दीन मुबारक शाह

➭ 6=1320 नासिरुदीन खुसरो शाह

➭ 7=1320 खिलजी वंश स्माप्त

(शासन काल-30 वर्ष लगभग )


❖ तुगलक वंश


➛ 1=1320 गयासुद्दीन तुगलक प्रथम 

➛ 2=1325 मुहम्मद बिन तुगलक दूसरा   

➛ 3=1351 फ़िरोज़ शाह तुगलक 

➛ 4=1388 गयासुद्दीन तुगलक दूसरा

➛ 5=1389 अबु बकर शाह

➛ 6=1389 मुहम्मद तुगलक तीसरा

➛ 7=1394 सिकंदर शाह पहला

➛ 8=1394 नासिरुदीन शाह दुसरा

➛ 9=1395 नसरत शाह

➛ 10=1399 नासिरुदीन महमद शाह दूसरा दुबारा सता पर

➛ 11=1413 दोलतशाह

👉 1414 तुगलक वंश समाप्त

(शासन काल-94वर्ष लगभग )


❖ सैय्यद वंश


➠ 1=1414 खिज्र खान

➠ 2=1421 मुइज़ुदिन मुबारक शाह दूसरा

➠ 3=1434 मुहमद शाह चौथा

➠ 4=1445 अल्लाउदीन आलम शाह

👉 1451 सईद वंश समाप्त

(शासन काल-37वर्ष लगभग )


❖ लोदी वंश


➺ 1=1451 बहलोल लोदी

➺ 2=1489 सिकंदर लोदी दूसरा

➺ 3=1517 इब्राहिम लोदी

👉 1526 लोदी वंश समाप्त

(शासन काल-75 वर्ष लगभग )


❖ मुगल वंश


➜ 1=1526 ज़ाहिरुदीन बाबर

➜ 2=1530 हुमायूं 

👉 1539 मुगल वंश मध्यांतर


❖ सूरी वंश


⇉ 1=1539 शेर शाह सूरी

⇉ 2=1545 इस्लाम शाह सूरी

⇉ 3=1552 महमूद शाह सूरी

⇉ 4=1553 इब्राहिम सूरी

⇉ 5=1554 फिरहुज़् शाह सूरी

⇉ 6=1554 मुबारक खान सूरी

⇉ 7=1555 सिकंदर सूरी

👉 सूरी वंश समाप्त,(शासन काल-16 वर्ष लगभग )


❖ मुगल वंश पुनःप्रारंभ


➥ 1=1555 हुमायू दुबारा गाद्दी पर

➥ 2=1556 जलालुदीन अकबर

➥ 3=1605 जहांगीर सलीम

➥ 4=1628 शाहजहाँ

➥ 5=1659 औरंगज़ेब

➥ 6=1707 शाह आलम पहला

➥ 7=1712 जहादर शाह

➥ 8=1713 फारूखशियर

➥ 9=1719 रईफुदु राजत

➥ 10=1719 रईफुद दौला

➥ 11=1719 नेकुशीयार

➥ 12=1719 महमूद शाह

➥ 13=1748 अहमद शाह

➥ 14=1754 आलमगीर

➥ 15=1759 शाह आलम

➥ 16=1806 अकबर शाह

➥ 17=1837 बहादुर शाह जफर

👉 1857 मुगल वंश समाप्त

(शासन काल-315 वर्ष लगभग )


मुगल शासन के दौरान बनाए गए स्मारक

════════════════════


☬ हमायुँ का मकबरा (दिल्ली)  

निर्मित ➛ अकबर


☬ बुलंद दरवाजा (फतेहपुर सीकरी) 

 निर्मित ➛ अकबर


☬ शालीमार बाग (श्री नगर)

निर्मित ➛ जहाँगीर   


☬ अकबर का मकबरा (सिकन्दरा, आगरा)  

निर्मित ➛ अकबर द्वारा शुरू किया और जहाँगीर द्वारा समाप्त


☬ इतमद उद दौला के मकबरे (आगरा) 

निर्मित ➛ नूर जहाँ


☬ जहाँगीर का मकबरा (शाहदरा बाग, लाहौर)  

निर्मित ➛ शाहजहाँ  


☬ ताज महल (आगरा)  

निर्मित ➛ शाहजहाँ


☬ रेड फोर्ट (दिल्ली)

 निर्मित ➛ शाहजहाँ


☬ शालीमार गार्डन (लाहौर) 

निर्मित ➛ शाहजहाँ 


☬ बीबी का मकबरा (औरंगाबाद)

निर्मित ➛ आजम शाह


☬ सलीम चिश्ती का मकबरा (फतेहपुर सीकरी) 

निर्मित ➛ अकबर


मध्यकालीन इतिहास One Liner For UPSC 

==============================


➨ जलालुद्दीन फ़िरोज़ खलजी ने गुलाम वंश को उखाड़ कर खलजी वंश की स्थापना की।


➨ खिज्र खान सैय्यद राजवंश के संस्थापक थे।


➨ चांगिज़ खान के अधीन मंगोलों ने इल्तुतमिश के शासन के दौरान भारत पर आक्रमण किया।


➨ कालीघाट पेंटिंग की शुरुआत 19 वीं शताब्दी में बंगाल के पास कालीघाट काली मंदिर, कोलकाता, बंगाल में हुई थी। सामान्य विषय हिंदू देवता, देवी और अन्य पौराणिक हस्तियां थीं।


➨ पानीपत की पहली लड़ाई (1526) में बाबर ने इब्राहिम लोदी को हराया। पानीपत की दूसरी लड़ाई (1556) में अकबर ने हेमू को हराया। पानीपत की तीसरी लड़ाई (1761) में, अहमद शाह अब्दाली ने मराठों को हराया।


➨ फ़वाज़िल सल्तनत काल में इकतदारों द्वारा सरकारी खजाने को दी गई अतिरिक्त राशि थी।


➨ दिल्ली सल्तनत के सुल्तानों ने अपनी सत्ता के केंद्रीकरण के लिए इकतारी प्रणाली का प्रभावी रूप से उपयोग किया।


➨ 1398 में, तैमूर ने उत्तरी भारत पर हमला किया, तुगलक वंश के सुल्तान नासिर-उद-दीन महमूद शाह तुगलक द्वारा शासित दिल्ली सल्तनत पर हमला किया।


➨ अहादीस मुगल साम्राज्य में सैनिक थे। वे सीधे मुगल सम्राट द्वारा नियुक्त किए गए थे। उन्होंने खुद को किसी मिर्जा या मुख्यमंत्री से नहीं जोड़ा।


➨ चामकौर (1705) की लड़ाई गोबिंद सिंह और मुगल सेना के बीच लड़ी गई थी। हल्दीघाटी (1576) की लड़ाई अकबर और महाराणा प्रताप के बीच लड़ी गई थी।


मुगल शासन के दौरान हुए प्रमुख युद्ध


☫ पानीपत के पहली लड़ाई (1526)

☞ बाबर द्वारा भारत में मुगल साम्राज्य की स्थापना 


☫ खनवा की लड़ाई (1527)

☞ बाबर ने मेवाड़ के राणा शुंग और उसके सहयोगियों को हराया ।


☫ घाघरा की लड़ाई (1529)

☞ बाबर ने अफगान और बंगाल के सुल्तान के संयुक्त बलों को हराया ।


☫ चौसा की लड़ाई (1539)

☞ शेरशाह सूरी ने हुमायूं को हराया ।


☫ पानीपत के दूसरी लड़ाई (1556)

☞ अकबर ने हिंदू राजा हेमू को पराजित किया ।


☫ थानेसर की लड़ाई (1567)

☞ अकबर ने संन्यासियों के दो प्रतिद्वंदी समूहों को हराया ।


☫ तुकरोइ की लड़ाई (1575)

☞ अकबर ने बंगाल और बिहार के सुल्तानों को हराया 


☫ हल्दीघाटी की लड़ाई (1576)

☞ मुगल सेना के राजा मान सिंह और मेवाड़ के राणा प्रताप के बीच अनिर्णायक युद्ध ।


☫ समुगढ़ की लड़ाई (1658)

☞ औरंगजेब और मुराद बख्श ने दारा शिकोह को हराया ।


☫ खाजवा की लड़ाई (1659)

☞ औरंगजेब ने अपने भाई शाह शुजा को हराया


☫ सराईघाट की लड़ाई (1671)

☞ अहोम साम्राज्य के लाचि बोरुपखान ने राम सिहं के नेतृत्व वाली मुघल सेना को हराया


☫ करनाल की लड़ाई (1739)

☞ नादिर शाह ने मुगल बादशाह मुहम्मद शाह को हराया और मयूर सिंहासन और कोहिनूर हीरे सहित मुगल खजाना लूटा।




मध्यकालीन भारत का इतिहास:वन लाइनर प्रश्नोत्तर

  • गुलाम वंश की स्थापना 1206 ईस्वी में कुतुबुद्दीन ऐबक के द्वारा किया गया था।
  • कुतुब मीनार की नीव कुतुबुद्दीन ऐबक ने डाली थी।
  • इल्तुतमिश ने क़ुतुब मीनार को पूरा बनवाया था।
  • अड़ाई दिन का झोपड़ा अजमेर में स्थित है जिसको कुतुबुद्दीन ऐबक ने बनवाया था ।
  • कुतुबुद्दीन ऐबक, लाख बख्श के नाम से प्रसिद्ध थे ।
  • दिल्ली सल्तनत की प्रथम मुस्लिम महिला शासक रजिया सुल्तान थी , जो इल्तुतमिश की पुत्री थी ।
  • नालंदा विश्वविद्यालय को ध्वस्त करने वाला बख्तियार खिलजी था ।
  • इल्तुतमिश की राजधानी लाहौर थी जिसको बाद में स्थानांतरित करके दिल्ली कर दिया था ।
  • दिल्ली सल्तनत का वास्तविक संस्थापक इल्तुतमिश को माना जाता है ।
  • कुतुब मीनार का निर्माण ख्वाजा बख्तियार काकी की स्मृति में किया गया था ।
  • शुद्ध अरबी सिक्के चलाने वाला पहला सुल्तान इल्तुतमिश था ।
  • लौह एवं रक्त नीति का पालन बलबन ने किया था ।
  • खिलजी वंश का संस्थापक जलालुद्दीन खिलजी था ।
  • स्वयं को खलीफा घोषित करने वाला दिल्ली सल्तनत का पहला सुल्तान मुबारक खिलजी था ।
  • तुगलक वंश का संस्थापक गयासुद्दीन तुगलक था ।
  • मोहम्मद बिन तुगलक को पागल बादशाह एवं रक्त पिपासु कहा जाता है ।
  • मोहम्मद बिन तुगलक के समय अफ्रीकी यात्री इब्नबतूता भारत आया था ।
  • विजयनगर साम्राज्य की स्थापना हरिहर एवं बुक्का ने 1336 में किया था ।
  • ब्राह्मणों पर जजिया कर लगाने वाला पहला मुस्लिम मुस्लिम शासक फिरोज तुगलक था ।
  • तुगलक वंश का अंतिम सुल्तान नसीरुद्दीन महमूद था ।
  • सैयद वंश का संस्थापक खिज्र खाँ था ।
  • सर्वप्रथम शाह की उपाधि धारण करने वाला शासक मुबारक खां था ।
  • सैयद वंश का अंतिम सुल्तान अलाउद्दीन आलम शाह था ।
  • लोदी वंश का संस्थापक बहलोल लोदी था ।
  • दिल्ली पर प्रथम अफगान राज्य स्थापित करने का श्रेय बहलोल लोदी को जाता है ।
  • आगरा शहर की स्थापना सिकंदर लोदी ने 1540 की थी ।
  • विजयनगर की राजधानी हम्पी थी ।
  • पानीपत का प्रथम युद्ध अब्राहम लोदी और बाबर के बीच 21 अप्रैल 1526 में हुआ था। (जिसमें बाबर विजई हुआ)
  • दिल्ली सल्तनत की राजकीय भाषा फारसी थी ।
  • तेनालीराम कृष्णदेव राय के दरबारी कवि थे ।
  • अमीर खुसरो के गुरू निजामुद्दीन औलिया थे ।
  • इटली यात्री निकोलोकांटी विजयनगर की यात्रा पर देवराय प्रथम के शासनकाल में आए थे ।
  • कृष्णदेव राय के दरबार में अष्ट दिग्गज थे जो तेलुगु साहित्य के 8 सर्वश्रेष्ठ कवियों का समूह था ।
  • कृष्णदेव राय ने हजारा एवं विट्ठलनाथ स्वामी मंदिर का निर्माण करवाया था ।
  • तालीकोटा का युद्ध हुआ था 1565 में हुआ था ।
  • बहमनी राज्य का संस्थापक अलाउद्दीन बहमन शाह था ।
  • बहमनी राज्य की राजधानी गुलबर्गा थी ।
  • जामा मस्जिद का निर्माण हुसैनशाह शर्की के द्वारा किया गया था ।
  • महाभारत एवं राज तरंगिणी का फारसी में अनुवाद जैन उल आब्दीन ने करवाया था ।
  • 17 अप्रैल 1527 में खानवा का युद्ध राणा सांगा और बाबर के बीच हुआ था जिसमें बाबर विजई रहा ।
  • 1576 ईस्वी में हल्दीघाटी का युद्ध हुआ था।
  • हल्दीघाटी का युद्ध राणा प्रताप एवं अकबर के बीच हुआ था ।(जिसमें अकबर विजई हुआ)
  • मेवाड़ की राजधानी चित्तौड़गढ़ थी ।
  • गुरु नानक का जन्म 1469 में पंजाब के तलवंडी नामक स्थान पर हुआ था ।
  • चैतन्य स्वामी का जन्म 1486 में बंगाल के नदिया में हुआ था ।
  • मुगल वंश का संस्थापक बाबर था ।
  • भारत में बाबर का अंतिम युद्ध अफ़गानों एवं बाबर के बीच 1529 ईस्वी में हुआ था जिसे घाघरा का युद्ध कहते हैं ।
  • पानीपत के प्रथम युद्ध में बाबर ने पहली बार तोप खाने का प्रयोग किया था ।
  • खानवा के युद्ध में बाबर ने गाजी की उपाधि धारण की थी ।
  • बाबरनामा बाबर की आत्मकथा है जिसे बाबर ने स्वयं लिखा था ।
  • बाबरनामा का फारसी भाषा में अनुवाद अब्दुल रहीम खानखाना ने किया था।
  • 25 जून 1539 में चौसा का युद्ध शेरशाह एवं हिमायूं के बीच हुआ था ।
  • हिमायू ने सप्ताह के सातों दिन सात रंग के कपड़े पहनने के नियम बनाए थे ।
  • शेरशाह का मकबरा सासाराम बिहार में स्थित है ।
  • ग्रांड ट्रंक रोड का निर्माण से शेरशाह ने करवाया था ।
  • अकबर का संरक्षक बैरम खां था ।
  • पानीपत की दूसरी लड़ाई 5 नवंबर 1556 ईस्वी में अकबर एवं हेमू के बीच हुई थी ।
  • बैरम खान की हत्या मुबारक खा की थी ।
  • अकबर के सेनापति का नाम मानसिंह था ।
  • फतेहपुर सीकरी का निर्माण अकबर ने कराया था ।
  • अकबर ने दास प्रथा , जजिया कर तीर्थ यात्रा कर किया था ।
  • अकबर का राजस्व मंत्री टोडरमल था ।
  • दीन ए इलाही तथा इलाही संवत की शुरुआत अकबर ने की थी ।
  • अकबर के दरबार में प्रसिद्ध संगीतकार तानसेन थे ।
  • अकबर के दरबार में राजकवि फैजी थे ।
  • अकबरनामा ग्रंथ की रचना अबुल फजल ने की थी ।
  • अकबर के शासन प्रणाली की सबसे प्रमुख विशेषता मनसबदारी प्रथा थी ।
  • अकबर को सिकंदरा के निकट दफनाया गया था ।
  • संगीत सम्राट तानसेन का जन्म ग्वालियर में हुआ था ।
  • दीन ए इलाही धर्म अपनाने वाला प्रथम एवं अंतिम हिंदू बीरबल था ।
  • मुगलों की राजकीय भाषा फारसी थी ।
  • अकबर ने बुलंद दरवाजा का निर्माण करवाया था ।
  • अकबर का दरबार नवरत्न से सुशोभित था ।
  • अकबर के काल को हिंदी साहित्य के स्वर्ण काल कहा जाता है ।
  • जहां जहांगीर को न्याय की जंजीर के लिए याद किया जाता है ।
  • सिखों के पांचवें गुरु अर्जुन देव को फांसी जहांगीर ने दिलवाई थी ।
  • जहांगीर के शासनकाल को चित्रकला का स्वर्ण काल कहा जाता है ।
  • शाहजहां के शासनकाल को स्थापत्य कला का स्वर्ण युग कहा जाता है ।
  • दिल्ली के लाल किला, जामा मस्जिद तथा मयूर सिंहासन का निर्माण शाहजहां ने करवाया था।
  • औरंगजेब को जिंदा पीर कहा जाता था ।
  • सिखों के नौवें गुरु तेग बहादुर की हत्या औरंगजेब ने करवाई थी ।
  • औरंगजेब ने 1699 ईस्वी में हिंदू मंदिरों को तोड़ने का आदेश दिया था ।
  • राजा जयसिंह एवं शिवाजी के बीच पुरंदर की संधि 1665 में हुई थी ।
  • औरंगजेब ने जजिया कर को पुनः लागू किया था ।
  • औरंगजेब ने औरंगाबाद में बीवी का मकबरा बनवाया था ।
  • बीवी के मकबरा को ताजमहल की फ़ूहड नकल कहा जाता है ।
  • औरंगजेब को दौलताबाद में दफनाया गया था ।
  • मराठा साम्राज्य के संस्थापक शिवाजी थे ।
  • शिवाजी के पिता का नाम शाहजी भोंसले एवं माता का नाम जीजाबाई था ।
  • शिवाजी के गुरु एवं संरक्षक दादाजी कोंडदेव थे ।
  • शिवाजी ने रायगढ़ को अपनी राजधानी बनाई थी ।
  • शिवा के मंत्रिमंडल में सबसे महत्वपूर्ण पद पेशवा (प्रधानमंत्री) का था ।
  • रैयतवाड़ी प्रथा का प्रारम्भ शिवाजी ने किया था ।
  • दिल्ली पर आक्रमण करने वाला पहला पेशवा बाजीराव प्रथम था ।
  • अंतिम मुगल शासक बहादुर शाह जफर द्वितीय था ।
  • मोहम्मद शाह को रंगीला बादशाह कहा जाता था ।
  • वाजिद अली शाह अवध का अंतिम नवाब था ।
  • लखनऊ के पहले अवध की राजधानी फैजाबाद थी ।
  • औरंगजेब ने शिवाजी को राजा की उपाधि दी थी ।
  • पानीपत का तीसरा युद्ध 1761 ईस्वी में अहमदशाह अब्दाली और मराठों के बीच हुआ था जिसमें मराठा को हार का सामना करना पड़ा ।
  • नादिरशाह को ईरान का नेपोलियन कहा जाता है ।
  • तानसेन के गुरु का नाम बाबा हरिदास था ।
  • बाबर का मकबरा काबुल (अफगानिस्तान) में स्थित है।


Medieval History Knowledge Questions in Hindi


पानीपत का प्रथम युद्ध किस-किस के बीच हुआ था ?

(a) इब्राहिम लोदी और बाबर के बीच

(b) हेमू और अकबर के बीच

(c) सदाशिव राव भाऊ और अहमद शाह अब्दाली के बीच

(d) राणा सांगा और इब्राहिम लोदी के बीच



उत्तर --> (a)


टिप्पणीः पानीपत के युद्ध पानीपत नामक एक छोटे से गाँव के निकट लड़े गये थे जो वर्तमान भारतीय राज्य हरियाणा में स्थित है। पानीपत वो स्थान है जहाँ बारहवीं शताब्दी के बाद से उत्तर भारत के नियंत्रण को लेकर कई निर्णायक लड़ाइयां लड़ी गयीं। जिनमें से तीन मुख्य ऐतिहासिक लड़ाईयां निम्न है-


पानीपत का प्रथम युद्धः- 21 अप्रैल 1526 को काबुल के तैमूरी शासक ज़हीर उद्दीन मोहम्मद बाबर और दिल्ली के सुल्तान इब्राहिम लोदी के बीच लड़ा गया था। यह उन पहली लड़ाइयों में से एक थी जिसमें बारूद, आग्नेयास्त्रों और मैदानी तोपखाने को लड़ाई में शामिल किया गया था। एक अनुमान के मुताबिक बाबर की सेना में 12,000-25,000 के करीब सैनिक और 20 मैदानी तोपें थीं। लोदी का सेनाबल 130000 के आसपास था, हालांकि इस संख्या में शिविर अनुयायियों की संख्या शामिल है, जबकि लड़ाकू सैनिकों की संख्या कुल 100000 से 110000 के आसपास थी, इसके साथ कम से कम 300 युद्ध हाथियों ने भी युद्ध में भाग लिया था। क्षेत्र के हिंदू राजा-राजपूतों इस युद्ध में तटस्थ रहे थे, लेकिन ग्वालियर के कुछ तोमर राजपूत इब्राहिम लोदी की ओर से लड़े थे।


पानीपत का द्वितीय युद्धः- 5 नवम्बर 1556 को हेमचंद्र विक्रमादित्य (लोकप्रिय नाम- हेमू) और अकबर के बीच लड़ा गया था। इस युद्ध में अकबर की सेना का नेतृत्व बैरम खान के हाथों में था जिसने अमानवीय व्यवहार करते हुए पराजित हेमू की हत्या कर दी और उनका कटा हुआ सिर काबुल के दिल्ली दरवाजा पर प्रदर्शन के लिए भेजा गया, उसका धड़ दिल्ली के पुराना किला के बाहर फांसी पर लटका दिया गया था ताकि लोगों के दिलों में डर पैदा हो। हेमू की पत्नी खजाने के साथ, पुराना किला से भाग निकली और कभी उसका पता नहीं चला। बैरम खान ने विरोधियों की सामूहिक हत्या का आदेश दिया जो कई वर्षों तक जारी रहा। हेमू के रिश्तेदारों और करीबी अफगान समर्थकों को पकड़ लिया गया और उनमें से कईयों को मौत की सजा दी गई। कई स्थानों पर उन कटे हुए सिरों से मीनारें भी बनवाई गईं । हेमू के 82 वर्षीय पिता, जो अलवर भाग गये थे, छह महीने के बाद उन्हें पकड़ लिया गया और उन्हें भी मौत की सजा दे दी गई। अकबर के सेनापति खान जमान और बैरम खान के लिए यह एक निर्णायक जीत थी। इस युद्ध के फलस्वरूप दिल्ली पर वर्चस्व के लिए मुगलों और अफगानों के बीच चलने वाला संघर्ष अन्तिम रूप से मुगलों के पक्ष में निर्णीत हो गया और अगले तीन सौ वर्षों तक मुगलों के पास ही रहा।


पानीपत का तृतीय युद्धः- 14 जनवरी 1761 को मराठा सेनापति सदाशिव राव भाऊ और अहमद शाह अब्दाली के बीच लड़ा गया था। अफगान रोहिल्ला सरदार नजीबुद्दौला ने दुर्रानी अफ़गान अहमदशाह अब्दाली को भारतवर्ष पर आक्रमण के लिए उकसाया तथा अवध के नवाब शुजाउद्दौला ने अब्दाली को सेना देकर सहायता की। इस युद्ध में भील प्रमुख इब्राहीम ख़ाँ गार्दी ने मराठों का साथ दिया।


विषय: मध्यकालीन भारत का इतिहास


पानीपत का द्वितीय युद्ध किस-किस के बीच हुआ था ?

(a) इब्राहिम लोदी और बाबर के बीच

(b) हेमू और अकबर के बीच

(c) सदाशिव राव भाऊ और अहमद शाह अब्दाली के बीच

(d) राणा सांगा और इब्राहिम लोदी के बीच



उत्तर --> (b)


टिप्पणीः पानीपत के युद्ध पानीपत नामक एक छोटे से गाँव के निकट लड़े गये थे जो वर्तमान भारतीय राज्य हरियाणा में स्थित है। पानीपत वो स्थान है जहाँ बारहवीं शताब्दी के बाद से उत्तर भारत के नियंत्रण को लेकर कई निर्णायक लड़ाइयां लड़ी गयीं। जिनमें से तीन मुख्य ऐतिहासिक लड़ाईयां निम्न है-


पानीपत का प्रथम युद्धः- 21 अप्रैल 1526 को काबुल के तैमूरी शासक ज़हीर उद्दीन मोहम्मद बाबर और दिल्ली के सुल्तान इब्राहिम लोदी के बीच लड़ा गया था। यह उन पहली लड़ाइयों में से एक थी जिसमें बारूद, आग्नेयास्त्रों और मैदानी तोपखाने को लड़ाई में शामिल किया गया था। एक अनुमान के मुताबिक बाबर की सेना में 12,000-25,000 के करीब सैनिक और 20 मैदानी तोपें थीं। लोदी का सेनाबल 130000 के आसपास था, हालांकि इस संख्या में शिविर अनुयायियों की संख्या शामिल है, जबकि लड़ाकू सैनिकों की संख्या कुल 100000 से 110000 के आसपास थी, इसके साथ कम से कम 300 युद्ध हाथियों ने भी युद्ध में भाग लिया था। क्षेत्र के हिंदू राजा-राजपूतों इस युद्ध में तटस्थ रहे थे, लेकिन ग्वालियर के कुछ तोमर राजपूत इब्राहिम लोदी की ओर से लड़े थे।


पानीपत का द्वितीय युद्धः- 5 नवम्बर 1556 को हेमचंद्र विक्रमादित्य (लोकप्रिय नाम- हेमू) और अकबर के बीच लड़ा गया था। इस युद्ध में अकबर की सेना का नेतृत्व बैरम खान के हाथों में था जिसने अमानवीय व्यवहार करते हुए पराजित हेमू की हत्या कर दी और उनका कटा हुआ सिर काबुल के दिल्ली दरवाजा पर प्रदर्शन के लिए भेजा गया, उसका धड़ दिल्ली के पुराना किला के बाहर फांसी पर लटका दिया गया था ताकि लोगों के दिलों में डर पैदा हो। हेमू की पत्नी खजाने के साथ, पुराना किला से भाग निकली और कभी उसका पता नहीं चला। बैरम खान ने विरोधियों की सामूहिक हत्या का आदेश दिया जो कई वर्षों तक जारी रहा। हेमू के रिश्तेदारों और करीबी अफगान समर्थकों को पकड़ लिया गया और उनमें से कईयों को मौत की सजा दी गई। कई स्थानों पर उन कटे हुए सिरों से मीनारें भी बनवाई गईं । हेमू के 82 वर्षीय पिता, जो अलवर भाग गये थे, छह महीने के बाद उन्हें पकड़ लिया गया और उन्हें भी मौत की सजा दे दी गई। अकबर के सेनापति खान जमान और बैरम खान के लिए यह एक निर्णायक जीत थी। इस युद्ध के फलस्वरूप दिल्ली पर वर्चस्व के लिए मुगलों और अफगानों के बीच चलने वाला संघर्ष अन्तिम रूप से मुगलों के पक्ष में निर्णीत हो गया और अगले तीन सौ वर्षों तक मुगलों के पास ही रहा।


पानीपत का तृतीय युद्धः- 14 जनवरी 1761 को मराठा सेनापति सदाशिव राव भाऊ और अहमद शाह अब्दाली के बीच लड़ा गया था। अफगान रोहिल्ला सरदार नजीबुद्दौला ने दुर्रानी अफ़गान अहमदशाह अब्दाली को भारतवर्ष पर आक्रमण के लिए उकसाया तथा अवध के नवाब शुजाउद्दौला ने अब्दाली को सेना देकर सहायता की। इस युद्ध में भील प्रमुख इब्राहीम ख़ाँ गार्दी ने मराठों का साथ दिया।


विषय: मध्यकालीन भारत का इतिहास


पानीपत का तृतीय युद्ध किस-किस के बीच हुआ था ?

(a) इब्राहिम लोदी और बाबर के बीच

(b) हेमू और अकबर के बीच

(c) सदाशिव राव भाऊ और अहमद शाह अब्दाली के बीच

(d) राणा सांगा और इब्राहिम लोदी के बीच



उत्तर --> (c)


टिप्पणीः पानीपत के युद्ध पानीपत नामक एक छोटे से गाँव के निकट लड़े गये थे जो वर्तमान भारतीय राज्य हरियाणा में स्थित है। पानीपत वो स्थान है जहाँ बारहवीं शताब्दी के बाद से उत्तर भारत के नियंत्रण को लेकर कई निर्णायक लड़ाइयां लड़ी गयीं। जिनमें से तीन मुख्य ऐतिहासिक लड़ाईयां निम्न है-


पानीपत का प्रथम युद्धः- 21 अप्रैल 1526 को काबुल के तैमूरी शासक ज़हीर उद्दीन मोहम्मद बाबर और दिल्ली के सुल्तान इब्राहिम लोदी के बीच लड़ा गया था। यह उन पहली लड़ाइयों में से एक थी जिसमें बारूद, आग्नेयास्त्रों और मैदानी तोपखाने को लड़ाई में शामिल किया गया था। एक अनुमान के मुताबिक बाबर की सेना में 12,000-25,000 के करीब सैनिक और 20 मैदानी तोपें थीं। लोदी का सेनाबल 130000 के आसपास था, हालांकि इस संख्या में शिविर अनुयायियों की संख्या शामिल है, जबकि लड़ाकू सैनिकों की संख्या कुल 100000 से 110000 के आसपास थी, इसके साथ कम से कम 300 युद्ध हाथियों ने भी युद्ध में भाग लिया था। क्षेत्र के हिंदू राजा-राजपूतों इस युद्ध में तटस्थ रहे थे, लेकिन ग्वालियर के कुछ तोमर राजपूत इब्राहिम लोदी की ओर से लड़े थे।


पानीपत का द्वितीय युद्धः- 5 नवम्बर 1556 को हेमचंद्र विक्रमादित्य (लोकप्रिय नाम- हेमू) और अकबर के बीच लड़ा गया था। इस युद्ध में अकबर की सेना का नेतृत्व बैरम खान के हाथों में था जिसने अमानवीय व्यवहार करते हुए पराजित हेमू की हत्या कर दी और उनका कटा हुआ सिर काबुल के दिल्ली दरवाजा पर प्रदर्शन के लिए भेजा गया, उसका धड़ दिल्ली के पुराना किला के बाहर फांसी पर लटका दिया गया था ताकि लोगों के दिलों में डर पैदा हो। हेमू की पत्नी खजाने के साथ, पुराना किला से भाग निकली और कभी उसका पता नहीं चला। बैरम खान ने विरोधियों की सामूहिक हत्या का आदेश दिया जो कई वर्षों तक जारी रहा। हेमू के रिश्तेदारों और करीबी अफगान समर्थकों को पकड़ लिया गया और उनमें से कईयों को मौत की सजा दी गई। कई स्थानों पर उन कटे हुए सिरों से मीनारें भी बनवाई गईं । हेमू के 82 वर्षीय पिता, जो अलवर भाग गये थे, छह महीने के बाद उन्हें पकड़ लिया गया और उन्हें भी मौत की सजा दे दी गई। अकबर के सेनापति खान जमान और बैरम खान के लिए यह एक निर्णायक जीत थी। इस युद्ध के फलस्वरूप दिल्ली पर वर्चस्व के लिए मुगलों और अफगानों के बीच चलने वाला संघर्ष अन्तिम रूप से मुगलों के पक्ष में निर्णीत हो गया और अगले तीन सौ वर्षों तक मुगलों के पास ही रहा।


पानीपत का तृतीय युद्धः- 14 जनवरी 1761 को मराठा सेनापति सदाशिव राव भाऊ और अहमद शाह अब्दाली के बीच लड़ा गया था। अफगान रोहिल्ला सरदार नजीबुद्दौला ने दुर्रानी अफ़गान अहमदशाह अब्दाली को भारतवर्ष पर आक्रमण के लिए उकसाया तथा अवध के नवाब शुजाउद्दौला ने अब्दाली को सेना देकर सहायता की। इस युद्ध में भील प्रमुख इब्राहीम ख़ाँ गार्दी ने मराठों का साथ दिया।